मां ने बड़े प्यार से, लगाया काजल

मां ने बड़े प्यार से, लगाया काजल


नन्हा मुन्ना हूं मैं बच्चा

अक्ल का थोड़ा हूं मैं कच्चा

मां का बहुत दुलारा हूं मैं

उसकी आंखों का तारा हूं मैं।


रोज़ सुबह वो मुझे नहलाती

प्यार से सर में तेल लगाती

साफ सुथरे कपड़े पहनाती

लगा के काजल आंखों में, करती है तैयार।


लेती लाख बलाएं मेरी

लगा के काला टीका मुझको, देती टिफिन में प्यार

कहती बेटा पूरा खाना इसको, ना करना बेकार।


गाल पर देकर प्यार का चुम्मन

मेरा हाथ पकड़ कर मुझको करती बस में सवार

हाथ हिलाती रहती बस के ओझल होने तक यार।


कड़ी धूप, सर्दी या गर्मी या फिर हो बरसात

नियत समय से पहले आकर जोहती मेरी बाट

जरा सी देर हो जाए, अटके उसकी सांस।


मुझ में प्राण हैं उसके बसते

चाहे मेरा हर पल गुजरे हंसते हंसते

मेरे प्यार की खातिर लड़ जाए वो रब से।

आभार – नवीन पहल – १२.०७.२०२३ 💕💕

# आधे अधूरे मिसरे/ प्रसिद्ध पंक्तियां प्रतियोगिता हेतु 


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2 Comments

बहुत ही सुंदर और सजीव चित्रण

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Sushi saxena

12-Jul-2023 11:28 PM

Nice 👍🏼

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